
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली एवं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के संयुक्त तत्वाधान में 8 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए बाल नाट्य कार्यशाला आयोजित। बेगूसराय के श्रीकृष्ण महिला महाविद्यालय के सभागार में 23 मई से 24 जून तक किया जा रहा है आयोजन।
बेगूसराय। 12 जून 2025
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली एवं इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के संयुक्त तत्वाधान में 8 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए आयोजित बाल नाट्य कार्यशाला, बेगुसराय के श्रीकृष्ण महिला महाविद्यालय के सभागार में 23 मई से 24 जून, 2025 तक किया जा रहा है। 30 दिवसीय इस नाट्य कार्यशाला में बेगुसराय के ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर, उपेक्षित और अनाथ बच्चों को शामिल किया गया है। जिन्हे उत्साहपूर्वक विभिन्न कलाओं के नाट्य विशेषज्ञ, नाट्य निर्देशकों, एवं वरिष्ठ अभिनेताओं से नाट्य कला की बारीकी सिखाई जा रही है। कार्यशाला के निदेशक कुंदन कुमार, सहायक की भूमिका में सारिका भारती, अभिनय के तरीके को रोचक और मनोरंजक तरीके से सीखा रही है। इसी कड़ी में 07 जून से हिमाचल स्थित मंडी स्कूल ऑफ ड्रामा से प्रशिक्षण प्राप्त बेगूसराय के लोकप्रिय निर्देशक एवं अभिनेता कुमार अभिजीत मुन्ना बच्चों को नाट्य विधा एवं अभिनय में सहायक स्वर का अभ्यास, संवाद अदायगी, शब्दों की शुद्धता, उच्चारण, संप्रेषण, शारिरिक गति व शारीरिक भाषा के बारे में बच्चों को खेल-खेल में जानकारी दे रहे हैं। वहीं कार्यशाला में गणेश गौरव संगीत से बच्चों को रूबरू करवा रहे हैं। कार्यशाला की ख़ास बात यह भी है कि कार्यशाला में बच्चों के स्वास्थ्य, शुद्धता, स्वच्छता को लेकर भी काफी ध्यान दिया जा रहा है। इस तेज़ गर्मी का बच्चों पर प्रतिकूल असर न पड़े उसके लिए बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक नाश्ता, ओआरएस, शीतल पेय की समुचित व्यवस्था दी जा रही है। पूरे कार्यशाला की देखरेख (कॉर्डिनेशन) की पूरी जिम्मेदारी चर्चित नाट्य निर्देशक, अभिनेता डॉ. अमित रोशन के ऊपर है। इस कार्य में उनका साथ चंदन कुमार सोनू, बिट्टू कुमार, सचिन कुमार भी दे रहे हैं। इस कार्यशाला को लेकर कार्यशाला निर्देशक कुंदन कुमार ने बताया कि इस तरीके का कार्यशाला बेगूसराय के रंगमंच के लिए इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि नाट्य विधा को इससे नई पौध मिलती है। जिससे रंगमंच में भी ऊर्जा का संचार होता है। बच्चों को मोबाइल के साथ ग़लत संगत से भी दूर रखने में भी ये काफी सहायक होती है। ये कार्यशाला बच्चों को उठाने, बैठने, चलने, बात करने के साथ-साथ खुद को संप्रेषित करने की कला भी सिखाती है। अतः इस तरह का कार्यशाला लगातार होते रहना चाहिए ताकि रंगमंच में नए पौध की कमी को भी दूर किया जा सके। इस कार्यशाला के संयोजक डॉ. अमित रोशन, कार्यशाला निदेशक कुंदन कुमार ने कहा इस कार्यशाला को बेगुसराय जैसे शहर में आयोजित करने में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक चितरंजन त्रिपाठी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के रजिस्ट्रार प्रदीप मोहंती, कार्यक्रम की राष्ट्रीय संयोजक गौरी देवल का अमूल्य योगदान रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक व रजिस्ट्रार से निवेदन किया हैं कि बेगूसराय में एक पूर्णकालिक आवासीय नाट्य कार्यशाला का आयोजन करवाने का भी प्रयास करें।