बिहार का गौरव, बरौनी रिफाइनरी मनाने जा रही है अपनी हीरक जयंती
60 वर्षों के सफर में, बरौनी रिफाइनरी ने ऊर्जा उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज कल्याण और क्षेत्रीय विकास में दिया अतुलनीय योगदान।
बेगूसराय। 13 जनवरी 2025
1965 में राष्ट्र को समर्पित होकर अपनी यात्रा प्रारंभ करने वाली इंडियन ऑयल की बरौनी रिफाइनरी, इस वर्ष अपनी हीरक जयंती मना रही है। पूर्व मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के प्रयासों और उनकी रणनीतिक सोच ने बरौनी रिफाइनरी को एक ऐसा औद्योगिक केन्द्र बनाया, जिसने न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1.0 MMTPA की क्षमता के साथ शुरू हुई रिफाइनरी वर्तमान में 6.0 MMTPA की क्षमता प्राप्त कर ली
तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग और रोमानिया की सीमित भागीदारी से 49.4 करोड़ रुपये की लागत पर स्थापित इस रिफाइनरी ने 1964 में उत्पादन शुरू किया। अपने 60 वर्षों के सफर में, बरौनी रिफाइनरी ने ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ समाज कल्याण और क्षेत्रीय विकास में भी अतुलनीय योगदान दिया है।शुरुआत में 1.0 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) की क्षमता के साथ शुरू हुई इस रिफाइनरी ने समय के साथ अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर वर्तमान में 6.0 MMTPA तक पहुंचाया है। 2002 में हाई सल्फर क्रूड के प्रसंस्करण के लिए प्रमुख इकाइयों जैसे RFCCU, DHDT, और SRU को जोड़ा गया। 2010 में, रिफाइनरी ने BS-II॥ ईंधन उत्पादन के लिए MSQ परियोजना शुरू की। बरौनी रिफाइनरी ने बीएस- IV अपग्रेडेशन के तहत मौजूदा डीएचडीटी (DHDT), प्राइम जी (Prime G) और एनएसयू (NSU) इकाइयों का आधुनिकीकरण किया, साथ ही नई सीसीआरयू (CCRU), एनएसयू (NSU) और प्राइम जी (Prime G) इकाइयों की स्थापना की। इन संशोधनों के परिणामस्वरूप मोटर स्पिरिट (MS) और हाई-स्पीड डीजल (HSD) का उत्पादन संभव हुआ, बरौनी रिफाइनरी BS-VI मानकों का पालन करने वाले स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल ईंधन का उत्पादन कर रही है। 2022 में एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के उत्पादन के लिए इंडजेट यूनिट की स्थापना, 20% एथेनॉल मिश्रित मोटर स्पिरिट (EBMS-20) का उत्पादन और 9.0 MMTPA क्षमता विस्तार परियोजना का शुभारंभ इस रिफाइनरी की निरंतर प्रगति का प्रमाण है।


भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र है बरौनी रिफाइनरी
बरौनी रिफाइनरी बिहार की औद्योगिक शक्ति और भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह रिफाइनरी न केवल बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करती है, बल्कि नेपाल को भी ईंधन और एलपीजी की आपूर्ति करती है। इसके उत्पादों में डीजल, पेट्रोल, विमान ईंधन, एलपीजी, नाफ्था, और बिटुमेन जैसे उत्पाद शामिल हैं। यह रिफाइनरी बिहार की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और क्षेत्रीय रोजगार के अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रही है।
बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास का स्तंभ है बरौनी रिफाइनरी
बरौनी रिफाइनरी बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास का भी एक स्तंभ रही है। अपनी सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत, रिफाइनरी ने 4000 से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की है, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है, और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में आरओ प्लांट लगाए हैं। रिफाइनरी ने सदर अस्पताल, बेगूसराय में 50-बेड के अत्याधुनिक बाल चिकित्सा वार्ड का निर्माण किया और तीन एम्बुलेंसदान कीं। साथ ही, ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे कि सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन, और जैव विविधता संरक्षण। पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखते हुए, रिफाइनरी ने शून्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और हरित ऊर्जा परियोजनाएं शुरू की हैं। इसके 125.99 एकड़ क्षेत्रफल में हरित बेल्ट और 7.58 एकड़ क्षेत्र में विकसित ईको पार्क इसे “प्रकृति के साथ सामंजस्य के प्रतीक के रूप में स्थापित करते हैं। ईको पार्क न केवल पर्यावरणीय सौंदर्य का उदाहरण है, बल्कि सैकड़ों स्थानीय और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान भी है। बरौनी रिफाइनरी की 9.0 MMTPA क्षमता विस्तार परियोजना बिहार के लिए एक नई औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेगी। इस परियोजना के अंतर्गत एक अत्याधुनिक पॉलीप्रोपलीन इकाई की स्थापना की जाएगी, जो बिहार को पेट्रोकेमिकल उत्पादन में अग्रणी बनाएगी। यह परियोजना न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि बिहार को माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (MSME) क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।बरौनी रिफाइनरी 15 जनवरी 2025 को अपनी हीरक जयंती मनाने जा रही है। 60 वर्षों का यह सफर न केवल भारतीय ऊर्जा क्षेत्र की एक अद्भुत उपलब्धि है, बल्कि बिहार के विकास और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। इसने बिहार और पूरे देश में सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।