
जल संरक्षण की आवश्यकता और पर्यावरणीय स्थिरता को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने पर दिया गया बल
पर्यावरणीय संरक्षण को लेकर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत बरौनी रिफाइनरी में वृक्षारोपण एवं पौध वितरण कार्यक्रम का आयोजन।
बेगूसराय। 24 मार्च 2025
बरौनी रिफाइनरी में 22 मार्च 2025 को विश्व जल दिवस के अवसर पर “ग्लेशियर संरक्षण” विषय पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जल संरक्षण की आवश्यकता और पर्यावरणीय स्थिरता को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया। कार्यक्रम में रिफाइनरी के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिनमें कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश, कार्यकारी निदेशक (परियोजना एवं कोर ग्रुप) संजय रायजादा, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी) एस के सरकार एवं मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी सेवाए व एचएसई) हंसराज गणवीर शामिल थे। कार्यक्रम के शुरू में उप महाप्रबंधक (एचएसई) आर के सामद द्वारा स्वागत भाषण में जल संरक्षण की आवश्यकता और सामूहिक उत्तरदायित्व पर बल दिया गया। इसके पश्चात सत्य प्रकाश के नेतृत्व में सभी उपस्थितजनों ने जल संरक्षण शपथ ली और जल संसाधनों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त की। अपने संबोधन में उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियरों पर पड़ने वाले प्रभाव को रेखांकित करते हुए जल संरक्षण के तत्काल उपायों पर बल दिया।

कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षणों में WADS फाउंडेशन के इंद्रनील घोष द्वारा प्रस्तुत जल संरक्षण पर जागरूकता सत्र था, जिसमें उन्होंने भूजल पुनर्भरण के व्यावहारिक उपाय साझा किए। इसके बाद शशि भूषण पांडेय द्वारा “मैजिक पिट” की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया गया, जिसमें ग्रे वॉटर (उपयोग किए गए जल) के क्षैतिज प्रवाह द्वारा भूजल स्तर बढ़ाने की विधि दर्शायी गई। पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत वृक्षारोपण एवं पौध वितरण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। रिफाइनरी कर्मचारियों एवं टाउनशिपवासियों को पौधे वितरित किए गए। साथ ही बेगूसराय जिला योजना पदाधिकारी के सहयोग से ओमर हाई स्कूल, विष्णुपुर को 5,000 पौधे प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन मैजिक पिट सिस्टम के सजीव प्रदर्शन एवं एक संवाद सत्र के साथ हुआ. जिसमें प्रतिभागियों को जल संरक्षण के सरल एवं प्रभावशाली उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। यह आयोजन इंडियन ऑयल की पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्धता एवं सतत विकास की दिशा में उठाए गए कदमों का प्रतीक रहा।