बेगूसराय, 18 मार्च 2025
भारत सरकार द्वारा बेगूसराय के कुसमहौत स्थित मक्का अनुसंधान केन्द्र को कर्नाटक राज्य के शिमोगा में शिफ्ट किये जाने के फैसले का बिहार राज्य किसान सभा बेगूसराय ही नहीं, अपितु राज्य के विभिन्न जिलों में किसानों की व्यापक एकता बना कर हरसंभव विरोध करेगी। यह बातें बिहार राज्य किसान सभा (जमाल रोड) के अध्यक्ष और बेगूसराय के पूर्व विधायक राजेन्द्र प्रसाद सिंह, बिहार राज्य किसान सभा, जिला किसान कौंसिल बेगूसराय के अध्यक्ष सुरेश यादव और जिला सचिव दयानिधि चौधरी ने परेशान विज्ञप्ति के द्वारा दी है। विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद सिंह जिस कार्यकाल में बेगूसराय के विधायक थे, उसी कार्यकाल में केंद्र में तत्कालीन कृषि मंत्री कॉमरेड चतुरानन मिश्र थे तथा बिहार सरकार में कृषि मंत्री राम जीवन सिंह थे जबकि बेगूसराय लोकसभा के सांसद कॉमरेड रमेन्द्र कुमार और बलिया लोकसभा के सांसद कॉमरेड शत्रुघ्न प्रसाद सिंह थे। इन सभी जनप्रतिनिधियों के समन्वय और संयुक्त प्रयास तथा कॉमरेड चतुरानन मिश्र की सकारात्मक पहल से बेगूसराय प्रखण्ड के कुसमहौत गाँव में मक्का अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना का मुख्य कारण गंगा और कोशी नदियों के बेगूसराय, खगड़िया और आसपास बड़े पैमाने पर मक्का की खेती का क्षेत्र होना है।बिहार मक्का-उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है। सभी दृष्टि से बेगूसराय में मक्का अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय कार्यालय का होना उपयुक्त है। यह यहाँ की अस्मिता से जुड़ा है। केन्द्र सरकार द्वारा मक्का अनुसंधान केन्द्र के अन्य राज्य में स्थानांतरण का फैसला इस जिले ही नहीं, बल्कि बिहार के साथ विश्वासघात है। बिहार राज्य किसान सभा सभी किसान संगठनों, कृषि से जुड़े आम लोगों तथा राजनीतिक दलों से केन्द्र सरकार के इस फैसले को वापस लिए जाने के लिए संयुक्त पहल और संघर्ष करने की अपील की है।