
बेगूसराय। 18 मार्च 2025
कुशमहौत के मक्का अनुसंधान केंद्र का कर्नाटक में स्थानांतरण किये जाने सम्बन्धी नोटिफिकेशन के बाद बिहार के कई विपक्षी नेताओं ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि बेगूसराय की जनता किसी कीमत पर कुशमहौत के मक्का अनुसंधान केंद्र को स्थानांतरण होने से रोकें। उन्होंने कहा कि यह केवल बेगूसराय ही नहीं बिहार की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ सवाल है। देश-विदेश के वैज्ञानिकों ने बेगूसराय की मिट्टी और मौसम को मक्का बीज के लिए अनुकूल माना है और यहां का उत्पादित मक्का का बीज तेलंगाना और कर्नाटक भेजा जाता है। इसलिए हमारी अपील है कि सभी राजनीतिक दल, किसान, नौजवान इस केंद्र को किसी कीमत पर जाने नहीं दें। ये बातें उन्होंने कार्यानंद भवन में एआईवाईएफ कि बैठक में कहीं। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान केंद्र की स्थापना के लिए 1996 में लोकसभा में प्रश्न के द्वारा मैंने मांग किया कि बेगूसराय क्षेत्र के लिए एक मक्का अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाए जिसमें पश्चिम बंगाल, उड़ीसा को भी शामिल किया जाए और इसके लिए बेगूसराय का कुशमहौत कृषि क्षेत्र सबसे उपयुक्त है। तत्कालीन कृषि मंत्री चतुरानंद मिश्रा ने इस मांग को स्वीकार करते हुए 1997 में इसका शिलान्यास किया और तत्काल 08 करोड़ की लागत से कुशमहौत में इसका शिलान्यास किया गया। बैठक में सीपीआई राज्य परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी, एआईएसएफ के राज्य संयुक्त सचिव राकेश कुमार, जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार, एआईवाईएफ बेगूसराय अंचल अध्यक्ष किशोर कुमार, मधुकर सिंह, धीरेंद्र कुमार, रजनीश, प्रदीप कुमार चिंटू, निशू व अन्य उपस्थित थे।