
आर एस रॉय, राज्य संयुक्त महामंत्री, बीएसएसआर यूनियन
आम बजट 2025 आम लोगों को उम्मीद थी कि सरकार बजट के माध्यम से दवाओं के मूल्य में बेतहाशा वृद्धि पर रोक लगाएगी, परन्तु ऐसा कुछ नहीं देखने को मिला। दवाओं पर लगने वाला टैक्स लागत मूल्य पर होने चाहिए, न कि एमआरपी पर।दवा बनाने वाली कंपनियों पर मनमाने तरीके से मूल्य वृद्धि के तरीके पर सरकार रोक लगाने में विफल रही। जीवन उपयोगी दवाओं की उपलब्धता एवं इनके मूल्य नियंत्रण पर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाई है। आम आदमी के हितों को ध्यान रखकर दवा में कोई टैक्स नहीं लगानी चाहिए थी।बजट के माध्यम से सरकार मालिकों को सहूलियत दी है, जबकि मज़दूरों के अधिकारों को कटौ की गई है।