
बेगूसराय। 18 जून 2025
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने बरौनी–कानपुर पाइपलाइन को बंद कर रिलायंस कंपनी को सोंपने की तैयारी कर ली है। इसका परिणाम यह होगा कि बरौनी–कानपुर पाइपलाइन जो एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्योग है, उसके संसाधनों का ही उपयोग की अनुमति अंबानी के रिलायंस कंपनी को सरकार देने जा रही है, जिससे हल्दिया, पारादीप और बरौनी रिफाइनरी का उत्पादन बाजार तक नहीं पहुंच पायेगा। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के तीनों तेलशोधक कारखाने को घाटे में डालकर भारत सरकार बंद कर देगी। ये बातें पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पूर्व विधायक व बेगूसराय की सीपीआई जिला मंत्री अवधेश कुमार राय, तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह, सीपीआई राज्य परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी, शिक्षक नेता प्रताप नारायण सिंह ने कहीं। इन नेताओं ने बुधवार को परेशान कॉन्फ्रेंस करके कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड ने यह भी फैसला लिया है कि बरौनी–कानपुर पाइपलाइन कॉमन कैरियर यानी निजी कंपनी और सरकारी क्षेत्र की कंपनी ठेकेदारी के रूप में चलायेगी। इससे बरौनी रिफाइनरी का शेयर मार्केट कम होगा, इससे उत्पादन बंद होने से इसका मुनाफा घट जायेगा और बाजार में इसकी विश्वसनीयता घट जायेगी। इसमें कार्यरत पदाधिकारियों, कर्मचारियों की छंटनी होगी, हजारों–हजार स्थानीय मजदूर बेरोजगार होंगे। बेगूसराय का विकास रुकेगा।इधर सरकार द्वारा बरौनी कानपुर पाइपलाइन रिलायंस के हाथों सपना की जानकारी मिलने से आक्रोशित छात्र नौजवान एआईएसएफ, एआईवाईएफ के नेताओं ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर केंद्र सरकार के इस फैसले कड़ा विरोध जताया।एआईएसएफ के राष्ट्रीय सचिव अमीन हमजा, जिलाध्यक्ष अमरेश कुमार, एआईवाईएफ राज्य अध्यक्ष शंभू देवा, एआईवाईएफ के जिला सचिव धीरेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि एआईएसएफ एआईवाईएफ को जिस वक्त बरौनी कानपुर पाइपलाइन के स्थानांतरण की सूचना मिली उसी वक्त से सड़क पर इसके खिलाफ व्यापक पैमाने पर अपना आंदोलन जारी रखे हुए है।अगर सरकार यह फैसला वापस नहीं लेती तो जिले भर के छात्र नौजवानों को इकट्ठा कर पार्टी के आंदोलन के साथ उग्र आंदोलन किया जाएगा।छात्र नौजवान नेताओं ने बताया कि बरौनी–कानपुर पेट्रोलियम बरौनी रिफाइनरी से शुरू होती है जिसकी लंबाई 1,227 किलोमीटर है और कानपुर डिपो/टर्मिनल पर समाप्त होती है। यह बिहार और उत्तर प्रदेश में पटना, मुगलसराय, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, बैतालपुर और मोतिहारी सहित नेपाल तक यह सुविधा प्रदान की जाती है। सार्वजनिक क्षेत्र के इतने बड़े नेटवर्क को रिलायंस के हवाले करने की साजिश की जा रही है, जिसे बेगूसराय की जनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।बेगूसराय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बेगूसराय जिले के तमाम राजनीतिक दलों, जनसंगठनों एवं आम–अवाम से अपील करती है कि “बरौनी रिफाइनरी बचाओ–रिलायंस भगाओ” के नारे के साथ सरकार की साजिश को बेनकाब करे। यदि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं करेगी, तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिलाव्यापी उग्र आंदोलन का फैसला करने के लिए विवश होगी।