खेत से संसद तक और परिवार से राष्ट्र तक नारियां अपने विकास का दस्तावेज खुद लिख रही हैं। मेनका मल्लिक, साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित लेखिका, 1 min read अंतरराष्ट्रीय बिहार बेगूसराय राष्ट्रीय खेत से संसद तक और परिवार से राष्ट्र तक नारियां अपने विकास का दस्तावेज खुद लिख रही हैं। मेनका मल्लिक, साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित लेखिका, Sanjeet Srivastava Saturday March 8 2025 0 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष घर के चाहरदीवारी पर रहते – रहते नारियां अब अपनी मंजिल खुद... Read More Read more about खेत से संसद तक और परिवार से राष्ट्र तक नारियां अपने विकास का दस्तावेज खुद लिख रही हैं। मेनका मल्लिक, साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित लेखिका,