बेगूसराय, 5 सितम्बर 2025
शिक्षक दिवस के अवसर पर सुलोचना सामाजिक संस्थान ने अपने कार्यालय में एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया। इस परिचर्चा का विषय था “कला में भविष्य“, जिसमें गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कला और उसके विविध आयामों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
मुख्य अतिथियों ने रखे विचार: कार्यक्रम की शुरुआत इंद्र मोहन प्रसाद ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुमन कुमार सिंह, देश के प्रख्यात कला समीक्षक ने कला के भविष्य पर विस्तृत वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों के पास कला के क्षेत्र में उज्ज्वल संभावनाएं हैं और यदि मीडिया सहयोग करे तो आने वाली पीढ़ियों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा। 👉 इतिहासकार डॉ. अमिय कृष्ण ने कहा कि बेगूसराय सहित आसपास के जिलों में कला की अपार संभावनाएं हैं। गांव-गांव में छिपी प्रतिभाओं को सही दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है। 👉 अलख कुमार सिन्हा, अवकाश प्राप्त उपनिदेशक, उद्योग विभाग, बिहार सरकार ने बताया कि कला के विकास हेतु सरकार कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने मधुबनी पेंटिंग में महिला कलाकारों की भागीदारी को विशेष रूप से उल्लेखित किया और कहा कि अब बेगूसराय में भी इस क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है।
👉 दिलीप कुमार सिन्हा ने कहा कि कला के क्षेत्र में चुनौतियां तो हैं, लेकिन चुनौतियों को स्वीकार करना भी एक कला है। जो कलाकार सही दिशा में आगे बढ़ते हैं, वे निश्चित ही सफलता पाते हैं।
संस्थान ने दिया भविष्य में निरंतर कार्यक्रम करने का आश्वासन आरसीपीएसएम आर्ट एंड क्राफ्ट कॉलेज के अध्यक्ष श्री अशोक कुमार सिन्हा ने कला को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित किया।कार्यक्रम के अंत में संस्थान के सचिव रविंद्र मनोहर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और कहा कि सुलोचना सामाजिक संस्थान भविष्य में भी कला के विकास हेतु ऐसे कार्यक्रम निरंतर आयोजित करता रहेगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवीण कुमार, श्रेयष मंडल और चंदन वत्स ने विशेष भूमिका निभाई।







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