मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार को लेकर स्वास्थ्य प्रतिनिधियों ने लिया संकल्प
नेशनल पॉजिटिव न्यूज़ | बेगूसराय। 05 दिसम्बर 2025
बेगूसराय, 05 दिसम्बर 2025—
जिला स्वास्थ्य समिति, बेगूसराय के सभागार में आज सिविल सर्जन की अध्यक्षता में लक्ष्य (LaQshya) कार्यक्रम पर केंद्रित एकदिवसीय उन्मुखीकरण एवं समीक्षा कार्यशाला सफलतापूर्वक आयोजित की गई। मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों से आए प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी दर्ज की।कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, स्टाफ नर्स, डेवलपमेंट पार्टनर्स एवं सदर अस्पताल के वरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का मुख्य फोकस लेबर रूम व मातृ-शिशु स्वास्थ्य इकाई में गुणवत्ता सुधार, सुरक्षित प्रसव प्रबंधन, ग्राहक संतुष्टि, संक्रमण नियंत्रण एवं लक्ष्य मानकों के प्रभावी अनुपालन पर रहा।
लक्ष्य कार्यक्रम का उद्देश्य और प्रमुख चर्चा बिंदु: लक्ष्य कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव सेवाओं को अधिक सुरक्षित, सम्मानजनक और नियंत्रित मानकों के अनुरूप बनाना है। कार्यशाला में निम्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई:👉 लेबर रूम में गुणवत्ता सुधार की रणनीतियाँ 👉 SOPs का पालन एवं अद्यतन 👉 हाई-रिस्क गर्भवती की पहचान एवं प्रबंधन 👉 आपातकालीन प्रसूति देखभाल और सुरक्षित मातृत्व सेवाएँ 👉 IPC (Infection Prevention & Control) के व्यवहारिक आयाम 👉 बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट 👉 लक्ष्य आकलन चेकलिस्ट का उपयोग 👉 रिकॉर्ड मेंटेनेंस व रिपोर्टिंग की गुणवत्ता 👉 सम्मानजनक प्रसूति सेवा (RMC) सुनिश्चित करने के उपाय
प्रतिभागियों को बताया गया कि लक्ष्य प्रमाणन हेतु स्वास्थ्य संस्थानों को 70 से अधिक गुणवत्ता मानकों का पालन आवश्यक है, जिसके लिए निरंतर निगरानी, गैप एनालिसिस और तकनीकी प्रशिक्षण बेहद जरूरी है।
कार्यशाला के प्रमुख सत्र : कार्यक्रम को कई तकनीकी एवं व्यवहारिक सत्रों में विभाजित किया गया: 1. उद्घाटन एवं कार्यक्रम की प्रासंगिकता : सिविल सर्जन ने मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) में कमी लाने में लक्ष्य कार्यक्रम की भूमिका पर जोर देते हुए सभी प्रतिभागियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के प्रति प्रतिबद्ध रहने का आह्वान किया।2. लक्ष्य गुणवत्ता मानकों की समीक्षा : प्रशिक्षण टीम ने बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन, उपकरण, गुणवत्ता संकेतक व रिपोर्टिंग व्यवस्था पर विस्तृत प्रस्तुति दी। 3. प्रसूति सेवाओं की तकनीकी गुणवत्ता: AMTSL, Partograph, आपातकालीन प्रसूति प्रबंधन, Eclampsia व PPH प्रबंधन तथा रेफरल प्रोटोकॉल पर केस आधारित प्रशिक्षण दिया गया।4. संक्रमण नियंत्रण एवं साफ-सफाई: हाथ स्वच्छता, PPE उपयोग, कचरा प्रबंधन, उपकरण स्टरलाइजेशन आदि पर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। 5. सम्मानजनक प्रसूति सेवा (RMC)महिला की गोपनीयता, सुरक्षित वातावरण, संवेदनशील संवाद और परिवार सहभागिता को लक्ष्य कार्यक्रम की मूल भावना बताया गया। 6. ऑडिट एवं रिपोर्टिंग सिस्टम: मृत्यु समीक्षा, केस शीट समीक्षा, डैशबोर्ड रिपोर्टिंग और क्लिनिकल ऑडिट की अनिवार्यता पर जोर दिया गया।
मुख्य अधिकारी उपस्थित: सिविल सर्जन, बेगूसराय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, अधीक्षक-सह-प्रशासी, सदर अस्पताल, जिला योजना समन्वयक, पिरामल स्वास्थ्य टीम एवं प्रशिक्षण दल जिला स्वास्थ्य समिति ने बताया कि ऐसी कार्यशालाएँ आगे भी नियमित रूप से आयोजित की जाएँगी ताकि जिले के सभी प्रसव स्थल लक्ष्य प्रमाणन प्राप्त कर सकें और गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं को बेहतर, सुरक्षित और मानक आधारित सेवाएँ प्राप्त हों।
नेशनल पॉजिटिव न्यूज़” सकारात्मक खबरें, समाज की तरक्की की ओर”







Total views : 63009