बेगूसराय। 30 अप्रैल 2025
बाबा परशुराम के जन्मोत्सव पर जयमंगला वाहिनी के द्वारा बुधवार अक्षय तृतीया को जयमंगला गढ़ से मोकामा परशुराम राजकीय मेला परिसर तक बिहार का सबसे लंबा धार्मिक यात्रा लगभग 70 किलोमीटर का एक भव्य समरसता यात्रा निकाली। यात्रा मोकामा पहुँचते ही वहाँ पर पुष्प वर्षा की गई। भगवा ध्वज, भगवान परशुराम के कटआउट व तस्वीरों के साथ जयमंगला माता की पूजा-अर्चना कर यात्रा माता का आशीर्वाद ले कर शुरू की गई। यात्रा में बेगूसराय नगर निगम की महापौर पिंकी देवी, पूर्व महापौर संजय सिंह, समाजसेवी सोनू शंकर, संजय गौतम भी शामिल हुए। यात्रा का नेतृत्व अमर गौतम और अंचल गौतम ने किया। उन्होंने कहा की अक्षय तृतीया पर बाबा परशुराम धार्मिक समरसता यात्रा का आयोजन वर्ष 2017 से अनवरत रूप से चलता आ रहा है। मोकामा स्थित भगवान परशुराम पौराणिक मंदिर में आयोजित राजकीय मेले के अवसर पर सम्पूर्ण जिलेवासियों के सहयोग से समरसता धर्म यात्रा निकाली जाती हैं।कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी सुमित कुमार व अभिजीत रंजन ने बताया कि श्री परशुराम के जन्मोत्सव पर जयमंगला गढ़ से पूजा-अर्चना कर यात्रा प्रारंभ किया गया। यह यात्रा जयमंगलागढ़ से मंझौल, रजौरा, मोहनपुर, पन्हास, हर हर महादेव चौक, जीरोमाइल, बीहट बड़ी दुर्गा मंदिर, सिमरिया, हाथीदह होते हुए मोकामा के बाबा परशुराम मंदिर में जा कर संपन्न हुई।अवनीश कुमार उर्फ सिंह मालिक व शिवम ने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत मिथिला की संस्कृति को मगध की संस्कृति से जोड़ने का प्रयास है। अमन व सोनू कुमार ने भगवान परशुराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान परशुराम, विष्णु भगवान के छठे अवतार माने जाते हैं। भगवान परशुराम का जन्म न्याय के प्रति उनके योगदान के सम्मान में मनाई जाती है।जयमंगला वाहिनी परिवार के उपाध्यक्ष सुजीत गुप्ता व चंदा चौहान ने कहा कि यात्रा के दौरान जगह-जगह पर स्थानीय लोगों के द्वारा पानी, शरबत, लस्सी का प्रबंध किया गया था। मनीष कुमार व शुभम कुमार ने कहा कि यह यात्रा दो ज़िले व दो संस्कृति को आपस मे जोड़ने का कार्य करती है। यह यात्रा आने वाले समय में भी अनवरत रूप से जारी रहेगी।जयमंगला वाहिनी परिवार के अध्यक्ष महेश वत्स, अंचल गौतम, अमर गौतम, हरिओम, सोनू, अभिजीत रंजन, सुमित, आकाश, अवनीश कुमार सहित अन्य लोगों ने यात्रा को सफल बनाने में योगदान दे रहे सभी आम जनों के प्रति आभार व्यक्त किया।