नेशनल पॉजिटिव न्यूज़ — विशेष रिपोर्ट। 8 दिसंबर 2025।
’नरसिंहपुर/जबलपुर। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देश में पहली बार ऐसा हाईवे तैयार किया है, जो वन्यजीवों और वाहनों—दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष तकनीक से बनाया गया है। भोपाल–जबलपुर नेशनल हाईवे पर नरसिंहपुर–जबलपुर मार्ग के वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व क्षेत्र में करीब 2 किलोमीटर की सड़क पर ‘टेबल टॉप रेड मार्किंग’ तकनीक अपनाई गई है, जिसने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है।
🚨 क्या है खास? : डेंजर ज़ोन माने जाने वाले इस हिस्से में तेज रफ्तार के कारण वन्य प्राणियों और वाहनों के बीच दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही थी। इसे रोकने के लिए हाईवे की सतह पर 5 mm मोटी लाल रंग की विशेष परत बिछाई गई है। इस पर वाहन गुजरते ही हल्का झटका महसूस होता है, जिससे चालक स्वतः धीमी गति पर आ जाता है। लाल रंग मनोवैज्ञानिक रूप से सतर्कता का संकेत देता है।ड्रोन व्यू में यह पहाड़ी सड़क बेहद आकर्षक दिखाई देती है, और देश में इस तरह का यह पहला प्रयोग है।
🛣️ टेबल टॉप रेड मार्किंग — कैसे बढ़ाती है सुरक्षा?• सड़क पर 5 mm मोटी लाल परत (Red Table Top)• वाहन गुजरते समय हल्की कंपन—स्पीड स्वतः नियंत्रित• लाल रंग तेज गति पर मनोवैज्ञानिक रोक• लगातार अलर्ट मोड में रहते हैं ड्राइवर
⚪ व्हाइट शोल्डर लाइन — नींद भगाने वाली तकनीक: सड़क के दोनों किनारों पर 5 mm मोटी सफेद पेवर शोल्डर लाइन बनाई गई है। यदि वाहन किनारे की ओर बढ़ता है या ड्राइवर को नींद आती है, तो सतह से आने वाला झटका तुरंत चेतावनी देता है। इससे हाईवे पर रात में होने वाली दुर्घटनाएँ कम होंगी।
🐅 वन्यजीवों के लिए सुरक्षित गलियारा: NHAI ने इस क्षेत्र के पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए 25 अंडरपास बनाए हैं। इनके माध्यम से:• जानवर बिना सड़क पार किए एक ओर से दूसरी ओर जा सकते हैं• दुर्घटना की संभावना न्यूनतम• टाइगर रिजर्व व नौरादेही अभ्यारण्य की जैव विविधता सुरक्षित1 2 किलोमीटर लंबे डेंजर ज़ोन में नई तकनीक और 2 किलोमीटर में विशेष ‘टेबल टॉप मार्किंग’ से क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया है।
📊 परियोजना एक नजर में: कुल लागत: 122 करोड़ रुपये, पुरानी डबल लेन को: 4 लेन में परिवर्तित12 किमी ‘डेंजर ज़ोन’ को नई तकनीक से सुरक्षित किया गया। 2 किमी क्षेत्र में 5 MM मोटी ‘Red Table Top’ परत 25 अंडरपास वन्यजीवों की आवाजाही के लिए। हाईवे को ब्लैक स्पॉट बनने से रोकेगी नई तकनीक
🌿 देश में इस हाईवे को भारत का पहला ‘Wildlife Safe Highway’ कहा जा रहा है। NHAI का यह नवाचार भविष्य के लिए एक नया मॉडल साबित हो सकता है, जिसमें विकास और पर्यावरण—दोनों का संतुलन बनाए रखा गया है।
नेशनल पॉजिटिव न्यूज़ की रिपोर्ट: विकास और प्रकृति—दोनों की सुरक्षा के लिए यह कदम देश में नई दिशा तय करता है।






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