
विद्यार्थियों ने गुरु वंदना, भाषण और संस्कृत गीतों से बांधा समां, वक्ताओं ने संस्कृत भाषा के पुनर्जागरण और महत्व पर डाला प्रकाश
बेगूसराय, 09 अगस्त 2025।
सरस्वती संस्कृत उच्च विद्यालय, बेगूसराय में शनिवार को संस्कृत दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। संस्कृत भारती के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. इन्द्रनाथ झा ने कहा कि संस्कृत सबसे प्राचीन एवं देवभाषा है, जो हमें संस्कार प्रदान करती है। वेद, उपनिषद और अनेक धर्मग्रंथ संस्कृत में ही लिखे गए हैं।

शंकर भवन संस्कृत उच्च विद्यालय, मेहदाशाहपुर के पूर्व प्रधानाध्यापक नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि विदेशी शासनकाल में हमारी भाषा और संस्कृति को मिटाने का प्रयास हुआ, लेकिन संस्कृत का अस्तित्व सूर्य-चंद्रमा की तरह अमर रहेगा। आज देश में संस्कृत भाषा पुनर्जागरण के दौर से गुजर रही है।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि संस्कृत पढ़कर भी किसी भी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है, यह सरल और सहज भाषा है। वरिष्ठ पत्रकार अग्निशेखर ने विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था की सराहना की।
कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने गुरु वंदना, भाषण और संस्कृत गीत प्रस्तुत किए। एंजल, परिधि, आयुष, सोहन, सोनाली, प्रतिमा, अमृत कुमार, अर्जुन, मुकेश, कृष्णा, अभिषेक, राधिका समेत अन्य विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सभी प्रतिभागियों को विद्यालय की ओर से पुरस्कार प्रदान किए गए।
समारोह को डॉ. बालेश्वर महतो (प्राचार्य, फेकू महतो संस्कृत महाविद्यालय), सत्येंद्र नाथ झा (व्याख्याता, सरस्वती संस्कृत आदर्श महाविद्यालय) सहित कई गणमान्य लोगों ने संबोधित किया।मौके पर शिक्षक सुरेश पाठक, शिवम कुमार, पूनम ठाकुर, नयन कुमारी, कृतिका कुमारी सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका सोनाक्षी कुमारी ने किया।