
बरौनी रिफाइनरी में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की छमाही बैठक
बेगूसराय / बरौनी रिफाइनरी। 24 जुलाई 2025
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), बरौनी की वर्ष 2025 की पहली छमाही की बैठक का आयोजन गुरुवार को बरौनी रिफाइनरी में किया गया। बैठक की अध्यक्षता कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख तथा समिति के अध्यक्ष सत्य प्रकाश ने की। बैठक में कोलकाता स्थित गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय से उप निदेशक (कार्यान्वयन) डॉ. विचित्रसेन गुप्त, बरौनी रिफाइनरी के मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन) भास्कर हाजरिका, महाप्रबंधक कर्मचारी सेवा प्रबंधन सेवा, अधिगम व विकास डॉ. पी. के. नाथ, उप महाप्रबंधक कर्मचारी सेवा, प्रबंधन सेवा, अधिगम व विकास राधे श्याम प्रसाद सहित बरौनी नराकास के सदस्यगण उपस्थित थे।

बैठक की शुरुआत सदस्य सचिव द्वारा विगत छः माह (जनवरी-जून 2025) में राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन एवं प्रगति पर एक संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण से हुई। इसके बाद सदस्य कार्यालयों के लिए एक खुला मंच सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न प्रश्नों के उत्तर अध्यक्ष महोदय एवं उप निदेशक द्वारा दिए गए। अपने अध्यक्षीय संबोधन में सत्य प्रकाश ने सभी उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि राजभाषा हिन्दी का कार्यालयीन कार्यों में अधिकाधिक प्रयोग सुनिश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने दोहराया कि हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिंदी में देना, कार्यालयीन टिप्पणियां हिन्दी में करना, फाइलों एवं नामपट्टों को द्विभाषी रखना आदि अनिवार्य राजभाषा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।डॉ. विचित्रसेन गुप्त ने बरौनी नराकास एवं बरौनी रिफाइनरी के राजभाषा प्रयोग पर संतोष व्यक्त करते हुए सभी सदस्य कार्यालयों से राजभाषा विभाग के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नराकास की सफलता एकल दायित्व नहीं, अपितु सभी सदस्य कार्यालयों की साझा जिम्मेदारी है। राजभाषा के प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग को और अधिक सुदृढ़ करने हेतु सुझाव भी आमंत्रित किए गए। जिनमें कई सारगर्भित प्रस्ताव सामने आए। बैठक के दौरान ‘श्रवंती’ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, बरौनी की वार्षिक पत्रिका का विमोचन अध्यक्ष एवं उप निदेशक महोदय, एवं उपस्थित गणमान्यों द्वारा किया गया। बैठक में लिये गए निर्णय एवं सुझावों के अनुरूप आगामी अवधि में राजभाषा हिन्दी के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी।