नेशनल पॉजिटिव न्यूज़। बेगूसराय। 27 नवम्बर 2025
बेगूसराय समाहरणालय परिसर में 27 नवम्बर 2025 को सिविल सर्जन, बेगूसराय की अध्यक्षता में सुमन (सुरक्षित मातृत्व एवं नवजात) कार्यक्रम पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दो सत्रों में किया गया। यह कार्यशाला प्रखंड मटिहानी एवं चेरिया बरियारपुर के स्वास्थ्य पदाधिकारियों एवं अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए आयोजित की गई, जिसका प्रमुख उद्देश्य मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण, त्वरित एवं जन-सुलभ बनाना था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक, स्टाफ नर्स, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एएनएम, आशा फेसिलिटेटर, आशा कार्यकर्ता, वार्ड पार्षद तथा सदर अस्पताल, बेगूसराय के वरीय अधिकारी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों को सुमन कार्यक्रम की अवधारणा, उद्देश्य, लाभार्थी अधिकार, गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ, शिकायत निवारण तंत्र और मातृ-शिशु सुरक्षा प्रोटोकॉल पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।
सुमन कार्यक्रम – उद्देश्य और महत्व : भारत सरकार द्वारा संचालित सुमन कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य सभी गर्भवती महिलाओं, प्रसूता माताओं एवं नवजात शिशुओं को निःशुल्क, सम्मानजनक, सुरक्षित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। बेगूसराय जिला प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए नियमित प्रशिक्षण जारी है। कार्यशाला में यह रेखांकित किया गया कि सुमन कार्यक्रम मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी, सुरक्षित प्रसव, समयबद्ध प्रसवोत्तर देखभाल और लाभार्थियों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कार्यशाला के प्रमुख बिंदु 1. सुमन कार्यक्रम की मुख्य अवधारणा 👉 हर गर्भवती महिला को सम्मानजनक एवं सुरक्षित प्रसूति सेवा का अधिकार 👉 प्रसव के दौरान शून्य व्यय का प्रावधान 👉 सामुदायिक स्तर पर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा 2. गुणवत्तापूर्ण मातृ एवं नवजात देखभाल : एएनएम व स्टाफ नर्स द्वारा समयबद्ध एंटीनैटल चेक-अप 👉उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान एवं रेफरलप्रसवोत्तर अनिवार्य जांच और परामर्श 👉 नवजात देखभाल, स्तनपान, टीकाकरण और परिवार नियोजन विकल्प 3. स्वास्थ्य संस्थान स्तर पर सेवा सुधार: 👉 प्रसव कक्ष की स्वच्छता एवं उपकरण उपलब्धता 👉 गरिमापूर्ण देखभाल और व्यवहार आधारित सुधार 👉 24×7 सेवाओं की उपलब्धता और हेल्प डेस्क की भूमिका 4. शिकायत निवारण प्रणाली: हेल्पलाइन व्यवस्था 👉 समस्याओं की त्वरित सुनवाई 👉 पारदर्शी निगरानी एवं फीडबैक तंत्र 5. समुदाय स्तर पर जागरूकता : 👉 आशा कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार-वार परामर्श 👉 मातृ स्वास्थ्य दिवस और आउटरीच कार्यक्रम 👉 गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व व प्रसवोत्तर सेवाओं की जानकारी
सिविल सर्जन, बेगूसराय के दिशा-निर्देश: अपने संबोधन में सिविल सर्जन ने कहा कि सुमन कार्यक्रम केवल एक सेवा योजना नहीं, बल्कि महिलाओं और शिशुओं के लिए सम्मान, सुरक्षा और स्वस्थ भविष्य की गारंटी है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिया—लाभार्थियों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार सुनिश्चित करें। संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दें। रेफरल प्रबंधन को सुदृढ़ बनाएं, प्रसवोत्तर देखभाल में शत-प्रतिशत सतर्कता बरतें, उच्च जोखिम गर्भावस्था की 100% पहचान सुनिश्चित करें
दो सत्रों में प्रशिक्षण का संचालन : पहला सत्र – प्रखंड मटिहानी, मातृ-शिशु सेवाओं के व्यवहारिक पक्षकेस स्टडीआपात प्रसूति स्थितियों से निपटने की रणनीतियाँरेफरल लिंकज पर गहन चर्चादूसरा सत्र – प्रखंड चेरिया बरियारपुरगुणवत्ता सुधार ढांचाफील्ड रिपोर्टिंगसंस्थागत प्रक्रियाएँमातृ एवं नवजात मृत्यु ऑडिट पर प्रशिक्षणप्रतिभागियों ने खुले मंच पर चर्चा की और अपने अनुभव साझा किए।
मुख्य उपस्थित अधिकारी: सिविल सर्जन, बेगूसराय जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला लेखा प्रबंधक, जिला योजना समन्वयक, प्रशिक्षक टीम, सदर अस्पताल के वरीय अधिकारी. कार्यशाला का निष्कर्ष : कार्यशाला सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई, और सभी प्रतिभागियों ने सुमन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह प्रशिक्षण जिले में मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधार और सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।






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