ढाका में ऐतिहासिक फैसला; हसीना ने बताया ‘धांधली और राजनीतिक प्रतिशोध’, देश में विरोध और समर्थन के बीच तनाव
ढाका। 17 नवंबर 2025। नेशनल पॉजिटिव न्यूज़।
ढाका : बांग्लादेश में एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराधों में दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला उस मामले से संबंधित है, जिसमें 2024 के छात्र विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा की गई कथित ज्यादतियों के लिए हसीना और उनके शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। यह फैसला दशकों में किसी बांग्लादेशी राष्ट्रीय नेता के खिलाफ सबसे कठोर न्यायिक कार्रवाई माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि सुनवाई में आरोपी पक्ष शामिल नहीं हुआ और हसीना पहले से ही भारत में शरण लिए हुए हैं।
🔻 हसीना ने फैसले को बताया राजनीतिक साजिश : फैसले के बाद शेख हसीना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा: “मेरे खिलाफ सुनाए गए फैसले एक धांधली वाले न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए हैं, जिसकी स्थापना एक अनिर्वाचित सरकार ने की है। ये राजनीति से प्रेरित और पक्षपातपूर्ण हैं।” उनके समर्थकों ने फैसले के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए, जबकि प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की नेतृत्व वाली सरकार और हिंसा में मारे गए छात्रों के परिवारों ने निर्णय का स्वागत किया।
हसीना के खिलाफ मुख्य आरोप — क्या था पूरा मामला? 👉 छात्र आंदोलन में की गई क्रूर कार्रवाई के आरोप: जुलाई–अगस्त 2024 में बांग्लादेश में भेदभाव-रोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसक कार्रवाई को लेकर हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर मानवता के विरुद्ध अपराध का आरोप लगाया गया था। अदालत ने माना कि सुरक्षा बलों द्वारा की गई हत्याओं, यातनाओं और हिंसा में उनकी जानकारी, भागीदारी और आदेश शामिल थे।👉 घातक बल, हेलीकॉप्टर और ड्रोन इस्तेमाल करने का आदेश : अभियोजन पक्ष के अनुसार, हसीना ने विरोध को दबाने के लिए हेलीकॉप्टर, ड्रोन, गोला-बारूद के इस्तेमाल का निर्देश दिया था। पूर्व मंत्री और पुलिस प्रमुख पर आरोप है कि उन्होंने इन आदेशों को आगे बढ़ाया। 👉 छात्र अबू सईद की हत्या का मामला : 16 जुलाई 2024 को पुलिस द्वारा बिना उकसावे के छात्र अबू सईद को बेहद करीब से गोली मारी गई। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि यह कार्रवाई शीर्ष नेतृत्व के आदेश से हुई। 👉 ढाका के चंखरपुल में छह निहत्थे छात्रों की हत्या: 5 अगस्त 2024 को छह निहत्थे छात्र प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या की गई। अदालत ने इसे उच्चस्तरीय राजनीतिक आदेशों का परिणाम बताया। 👉 अशुलिया में छह लोगों की हत्या और जलाने की घटना : अशुलिया में छह लोगों को मारकर उनमें से पाँच के शव जला दिए गए — अभियोजन पक्ष ने इसे भी ‘‘राजनीतिक अनुमति और निर्देश’’ से जुड़ा बताया।
अदालत ने क्या कहा? : न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने 453-पृष्ठ के फैसले में कहा: हसीना, पूर्व गृह मंत्री और पुलिस प्रमुख ने मिलकर दमनकारी कार्रवाई की। हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश स्वयं हसीना ने दिया। दक्षिण ढाका मेयर के साथ हुई बातचीत से आदेशों के प्रमाण मिले। अदालत ने कहा कि अभियुक्त “अधिकतम सजा के योग्य” हैं।
🔻 देश में विरोध और समर्थन दोनों तेज : सरकार और हिंसा में मारे गए छात्रों के परिवारों ने फैसले का स्वागत किया। हसीना समर्थक फैसले को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ बताते हुए सड़कों पर उतरे। भारत में शरण ले चुकी हसीना की कानूनी टीम फैसले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुनौती दे सकती है।
यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति के लिए क्या मायने रखता है? : देश में राजनीतिक ध्रुवीकरण और बढ़ेगा, यूनुस सरकार की वैधता पर अंतरराष्ट्रीय चर्चा तेज, अवामी लीग समर्थकों में असंतोष गहराता, दक्षिण एशिया की कूटनीति पर प्रभाव संभव






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