बेगूसराय, 29 अगस्त 2025
भारत के खेल जगत के गौरव और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की पुण्यतिथि पर जी.डी. कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कॉलेज परिवार के शिक्षकों, अधिकारियों और विद्यार्थियों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और उनके अद्वितीय योगदान को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. चंद्रभूषण सिन्हा ने कहा कि मेजर ध्यानचंद का नाम आते ही भारतीय हॉकी की स्वर्णिम गाथा स्मरण हो आती है। उन्होंने उन्हें अनुशासन, समर्पण और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक बताते हुए कहा कि गुलामी के दौर में भी उनके खेल ने पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराया।
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी सह सेहत केंद्र की नोडल ऑफिसर डॉ. सहर अफ़रोज़ ने अपने संबोधन में कहा कि खेल जीवन का अभिन्न हिस्सा है, जिससे आत्मविश्वास, अनुशासन और टीम भावना विकसित होती है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे ध्यानचंद जी के आदर्शों को आत्मसात कर खेल और शिक्षा दोनों में उत्कृष्टता हासिल करें।
खेल विभाग के प्रभारी डॉ. ज़िकरुल्ला ने कहा कि ध्यानचंद का खेल कौशल इतना अद्भुत था कि गेंद मानो उनकी स्टिक से चिपक जाती थी। विदेशी खिलाड़ी भी उनके खेल को देखकर आश्चर्यचकित रह जाते थे। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी को पहचान दिलाने का श्रेय मेजर ध्यानचंद को ही जाता है।
कार्यक्रम में डॉ. शशिकान्त पांडेय, डॉ. भूपेंद्र, डॉ. केतन, डॉ. राकेश रौशन, डॉ. कुंदन, डॉ. अरमान आनंद, डॉ. अभिषेक कुंदन सहित अनेक शिक्षकों ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ध्यानचंद का जीवन हर भारतीय युवा के लिए प्रेरणा है।
श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र और अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि आज के समय में जब खेल राष्ट्रगौरव और करियर का माध्यम बन चुका है, तब मेजर ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ियों की जीवनी युवाओं को अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है।






Total views : 63160