
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
महिलाएँ आज शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व में बड़ी ऊँचाइयाँ छू रही हैं।बावजूद इसके, लैंगिक भेदभाव, सुरक्षा और समान अवसर की चुनौतियाँ बनी हुई हैं। आर्थिक स्वतंत्रता और कानूनी अधिकारों की पहुँच महिलाओं को और सशक्त बना सकती है। समाज को महिलाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें बराबरी का दर्जा देना होगा। जब हर महिला निर्भीक होकर अपने निर्णय ले सकेगी, तभी असली सशक्तिकरण होगा।
श्वेता सिन्हा, शिक्षिका, बरौनी बेगूसराय