
नीमा बिहार राज्य कार्यकारिणी की जेनेरल बॉडी मिटिंग में लिए गए कई निर्णय बेगूसराय / बखरी 29 जून 2025रविवार 29 जून को नीमा बिहार राज्य कार्यकारिणी की सामान्य सभा ( जेनेरल बॉडी मिटिंग) की बैठक बखरी स्थित “आशा हॉस्पिटल एवं नेत्र चिकित्सा केन्द्र” के सभागार में हुई। बैठक में नीमा मोतिहारी, नीमा मुजफ्फरपुर, नीमा बेगूसराय, नीमा गया, नीमा बखरी, नीमा पटना शाखाओं के पदाधिकारी शामिल हुए।

बैठक के शुरू में राज्य पदाधिकारियों को मंचासीन किया गया। बाद में भगवान धन्वंतरि पूजन, माल्यार्पण और वंदना की गई। मंचासीन पदाधिकारियों का पुष्प, माला और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत तिलक लगाकर किया गया। स्वागत भाषण डा. रतीश रमन ने किया।इसके बाद नीमा बिहार के पूर्व अध्यक्ष डा. एस. सी. आर्या की धर्मपत्नी के निधन, आयुर्वेद कालेज मोतिहारी के पूर्व प्राध्यापक डा. ब्रह्मदेव तिवारी के देहावसान और अहमदाबाद में हुए विमान दुर्घटना में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन रखा गया।नीमा बिहार महासचिव डा. आलोक कुमार ने मुजफ्फरपुर और बेगूसराय में हुए बैठकों में लिए गए निर्णयों की संपुष्टि सदन ने सर्वसम्मति से किया नीमा बिहार एबीएस प्रभारी डा. अनिल कुमार सिंह ने उपस्थित चिकित्सकों को बताया कि अभी तक बिहार में केवल 54 एमबीएस के सदस्य हैं। उन्होंने सभी से इससे अधिक से अधिक जुड़ने का आह्वान किया। नीमा 2 और नीमा सीतामढ़ी शाखा द्वारा अपने यहां का चुनाव निर्धारित समय से देर से करने के बावजूद वहां के चुनाव को मान्यता सदन ने सर्वसम्मति से प्रदान की और भविष्य में ऐसा किसी भी शाखा द्वारा ना हो इसके लिए चेतावनी भी दी। नीमा बेतिया के गठन की मान्यता देने पर कोई चर्चा नहीं हो पाई क्योंकि इस बैठक में वहां का कोई सदस्य उपस्थित नहीं था। नीमा गया के डा. मृत्युंजय कुमार को नीमा जमुई का पूर्ण गठन करने के लिए अधिकृत किया गया। साथ ही बेगूसराय के शाखा पदाधिकारियों से दलसिंहसराय और खगड़िया शाखाओं का गठन यथाशीघ्र कराने का निर्णय सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसके साथ भागलपुर में नीमा का गठन करने के लिए डा. भास्कर और मधुबनी में नीमा का गठन कराने के लिए महिला फ़ोरम बिहार की अध्यक्षा डा. प्रेमलता को अधिकृत किया गया। डेहरी ऑन सोन, वैशाली, दानापुर, छपरा आदि शाखाओं के पुनर्गठन पर सदन ने सर्वसम्मति से अपनी सहमति प्रदान की। मेंबरशिप ड्राइव के लिए सभी शाखाओं को निर्देश दिया गया कि वो अपने-अपने शाखाओं में इसका पखवारा मनाएं और उसमें यह भी बतलाएं कि अब कुछ ही दिनों में नीमा आजीवन सदस्यता शुल्क 3000 से 5000 रूपए हो जाएगा। इसका लाभ बताकर उनको सदस्य बनने के लिए जागरूक करें। डा. प्रेमलता मैडम ने उपस्थित सदन से यह कहा कि नीमा एक मात्र देश का ऐसी संगठन है जो इन्टीग्रेशन के साथ साथ आयुर्वेद के उत्थान की वकालत करता है। आईएसएम के चिकित्सक कभी भी किसी कठिनाई में होते हैं तो सर्वप्रथम नीमा को ही याद करते हैं। इसकी सारी प्रक्रियाएं केवल संगठन के बायलॉज के हिसाब से चलती हैं। इसमें अनुशासनहीनता का कोई स्थान नहीं है। नीमा बिहार के उपाध्यक्ष डा. रमेश कुमार सिंह ने नीमा को सरकार के जुडकर सरकार को यह बताने का आह्वान किया कि आयुष के चिकित्सकों को “भव्या” से रजिस्ट्रेशन कराकर उनको आईडी उपलब्ध कराया जाए। वो अधतन एलोपैथिक चिकित्सकों के आईडी पर कार्य कर रहे हैं। नीमा बिहार के वरीयतम सदस्यों में से एक डा. सच्चिदानन्द पटेल ने मेंबरशिप बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मंत्र दिया। इसके बाद राज्य कोषाध्यक्ष डा. अनिल विश्वकर्मा ने पुणे महाराष्ट्र में आयोजित नीमा सीसी की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी सदन को विस्तृत रूप में दिया। अंत में नीमा बिहार के अध्यक्ष डा. दिनेश्वर प्रसाद ने नीमा के सदस्यों को समाजिक पहचान बनाने पर बल दिया और अपने कार्यक्रमों में प्रशासनिक, शैक्षणिक और वैधानिक से जुड़े पदाधिकारियों को बुलाकर, सम्मानित कर नीमा के बारे में जानकारी देने का आह्वान किया। कार्यक्रम की जानकारी यूट्यूब, प्रिंट मिडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने पर जोर दिया गया।नीमा को इन्टीग्रेशन के साथ आयुर्वेद के कार्यशाला आयोजित करने पर भी बल दिया। अंत में नीमा मुजफ्फरपुर के डा. विनोद कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मंच का संचालन डा. रतीश रमन ने किया राष्ट्र गान के साथ बैठक की कार्रवाई संपन्न हुई।