नई दिल्ली। 4 दिसम्बर 2025। नेशनल पॉजिटिव न्यूज़
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसम्बर को भारत की आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुँचे। उन्होंने शाम 7.10उनका यह दौरा भारत–रूस रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। पुतिन का यह दौरा कई महत्वपूर्ण समझौतों और क्षेत्रीय–वैश्विक मुद्दों पर गहन चर्चा के लिहाज से बेहद अहम है।

✈️ दिल्ली पहुंचते ही पारंपरिक स्वागत — दोनों देशों की ओर से गर्मजोशी का संदेश: पुतिन के आगमन पर सम्मान गार्ड के साथ औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी शिखर वार्ता का कार्यक्रम पहले से ही तय है, जिसमें दोनों नेता आपसी सहयोग के विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा करने वाले हैं।

🤝 मत्स्य, पशुपालन, कृषि व डेयरी सेक्टर में सहयोग होगा मजबूत: भारत–रूस के बीच वार्ताओं के प्रमुख परिणामों में से एक है—मत्स्य, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में सहयोग को नई गति देना। यह फैसला दोनों देशों के आर्थिक व तकनीकी सहयोग के दायरे को और व्यापक करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समझौते ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि–अनुसंधान में नया आयाम जोड़ेंगे।

⚛️ कुडनकुलम परमाणु संयंत्र: तीसरे रिएक्टर के लिए रूस ने भेजा परमाणु ईंधन: भारत और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग भी इस दौरे का केंद्र है। रूसी परमाणु कंपनी Rosatom ने तमिलनाडु स्थित कुडनकुलम परमाणु संयंत्र (KKNPP) के तीसरे रिएक्टर के लिए परमाणु ईंधन की पहली खेप भारत को भेज दी है। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा और परमाणु क्षमता में बड़ा योगदान होने की संभावना है।
🌍 क्षेत्रीय सुरक्षा, रक्षा समझौते और वैश्विक मुद्दों पर होगी गहन चर्चा: भारत–रूस वार्ता में रक्षा, व्यापार, विज्ञान–तकनीक, अंतरिक्ष सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, आतंकवाद तथा वैश्विक स्थिति पर भी कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल रहेंगे।
रिपोर्टों के अनुसार, दोनों देश: अत्याधुनिक रक्षा तकनीक, संयुक्त उत्पादन और दीर्घकालिक ऊर्जा सहयोग को लेकर नई रणनीतियाँ तय कर सकते हैं।
🇮🇳🇷🇺 भारत–रूस संबंधों की 75 वर्षों की यात्रा में एक और महत्वपूर्ण अध्याय: विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन का यह दौरा—जब वैश्विक कूटनीति तेजी से बदल रही है—भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक मैत्री को और मज़बूत करेगा। ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, कृषि व शिक्षा—सभी क्षेत्र इस शिखर बैठक के बाद नई गति पकड़ने की संभावना रखते हैं।
📌 नेशनल पॉजिटिव न्यूज़ की राय: भारत–रूस संबंधों ने हमेशा परस्पर विश्वास और बहुआयामी सहयोग पर जोर दिया है। इस दौरे से दोनों देशों की साझेदारी आर्थिक रूप से मज़बूत, सामरिक रूप से स्थिर तथा वैश्विक मंच पर अधिक प्रभावशाली बनने की दिशा में मजबूत कदम है।







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